प्रथ्वी दिवस
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प्रथ्वी का कर्ज़ चुकाने को,
माता का फ़र्ज़ निभाने को,
अपना शीश नवाते है!
नदिया,पर्वत,खेत खलिहानो से हमने जो पाया है उसका कर्ज़ चुकाने का समय आ गया है! इन सभी को चिरस्थाई रखने के लिये हमे केवल अपने आचार विचार मे कुछ सयम रख्नने की आवश्यकता है!
सर्व प्रथम भूगर्भीय- जल संरछण की ,-केवल उतने जल का प्रयोग करे ,जितनी आव्श्यक्ता हो !
पेड-पौधौ के छेत्र को बढाना होगा-कटान रोकना होगा ! क्रत्रिम खाद का प्रयोग समाप्त करना होगा!
पर्यावरण पदूषण रोकना होगा -अपने निज़ी वाहनो के स्थान पर सार्वजनिक वाहनो का प्रयोग करे!
आइये आज संकल्प लें कि घर से बाहर निकलने पर भी इन बातों को ध्यान मे अवश्य रखेंगे१ धन्य्वाद!
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