माननीय नरेन्द्र मोदी जी तो संविधान के मन्दिर को प्रणाम कर नये मान द्ण्ड स्थापित करने चाहते है दूसरी तरफ़ अरविन्द केज़री्वाल क्रिमिनल प्रोसीज़र कोड का उल्लघन कर भारतीयों को अनीति और उद्ण्डता का पढा रहे है ! अब वक्त आ गया है कि पुनः नई सोच से नया दायित्व प्रारम्भ किया जाय कि हर भारतीय को यही सोचना चाहिये कि उसकी कार्य-शाला उसका मन्दिर है उसे उसी भाव और समर्पण से कर्तव्यनिष्टा का पालन करना चाहिये जैसे वह मन्दिर जाता है! यदि सभी लोग जिस कानून को मानना चाहे माने और जिसे चाहे न माने तो फ़िर समाज का पतन अवशम्भावी है! अतः समय आ गया है कि जिस श्रधा और भक्ति भाव से नमो-नमो किया है उसी भाव से उनकी राह का अनुसरण करिये देश और समाज का उज्ज्वल भविष्य आपका और आने वाली पीढी का इन्त्ज़ार कर रहा है ! हमे अपनी संस्कॄति और संविधान पर गर्व करना चाहिये ! नये मान्द्ण्ड नरेन्द्र मोदी जी की तरह स्थापित कीजिये न कि अरविन्द केज़रीवाल की तरह ! धन्ववाद !
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७


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