मंगलवार, 31 अगस्त 2010

sarhad par cheen

अमेरिकी समाचार पत्र न्यूयार्क टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 7,000 से 11,000 तक सैनिक पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित और बाल्टिस्तान क्षेत्र में मौजूद हैं। चिंतन का विषय  यह है कि भारतीय सरकार तुष्टि करण की राजनीति से ऊपर उठकर कब देश की अस्मिता और संप्रभुता के बारे में सोचेगी ?चीन के आर्थिक आक्रमण को कुटीर उद्योग  झेल रहा है !हर चीनी सस्ता उत्पाद जूते,चप्पल,खिलोने,से लेकर इलैक्त्रौनिक्स तक वो अपनी पकड़ बना चुका है और भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़   स्माल स्केल पर प्रहार कर चुका है ! हमें पता है कि उसने हिंद महासागर में सैनिक अड्डे भी कायम कर लिए है और भारत हर ओर से असुरक्चित है !परन्तु इस विषय में कोइ भी राजनैतिक दल सरकार  से श्वेत -पत्र सदन में पेश करने  की मांग क्यों नहीं कर रही है? इसे अभियान बनाकर हमे जन जाग्रति करनी होगी !
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुंजं सिकंदरा आगरा 282007

शुक्रवार, 20 अगस्त 2010

maananeeyoM kee balle balle

आज़ चिन्तन का विषय है कि जिस देश का किसान भूख से व्याकुल है, कर्ज़ के तले दब कर आत्म हत्या को विवश हो चुका है,विकास क्रे नाम पर विस्थापित किया जा रहा है और अपने अस्तित्व की अन्तिम  लडाई लडने को सडक पर उतर आया है, वहां माननीय सासद दीर्घा अपने मासिक वेतन की बढोत्तरी के लिये कितनी शान्ती से १६ हज़ार को बढाकर ५०ह्ज़ार कर लेती है !क्या इस मंह्गाई की सुरसा के दांत केवल माननीयों की गर्दन को ही दबोच रही है जो उनका वेतन ३ गुना से भी अधिक बढाने  का कदम उठाना पडा? इस महंगाई हेतु माननीय क्रषि मंत्री शरद पवार किसी भी ठोस कदम उठाने के लिये तेय्यार नही है और उस दिन का इन्त्ज़ार कर रहे हैं जब यह स्वतः बिना किसी ठोस कदम के समाप्त हो जायेगी ! किसी भी छेत्र मे ब्लेक्मार्केट-होर्डर पर कोई छापे की कार्यवाही नही हो रही है ,वर्ना दस छापे से हज़ार खुद- बखुद माल बाज़ार मे छोड्ने को मज़बूर हो जाते और कुछ न कुछ मंहगाई अवश्य प्रभावित होती ,पर माननीयो के चुनाव के सबसे बडे दानवीरो पर हाथ कौन डाले? एफ़ सी आई के गोदामो मे अनाज़ पडा सड  रहा है पर वो गरीबों को मुफ़्त नही बांटा जा सकता अन्य्था उनकी आर्थिक स्थिति मे इतना बडा परिवरतन आ जाता कि गरीबी के समी करण बदल जाते ! पिछले १६ वर्षो मे गरीबी १०%की दर से बढ रही है और पूजीपति माननीयो की श्रेणी मे आते जा रहे है ! कषि प्रधान देश मे कि्सान की दुर्दशा के लिये कौन ज़िम्मेवार है?
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा२८२००७

शनिवार, 14 अगस्त 2010

yog aur prakratik chikitsa

योग एवं प्राक्रतिक चिकित्सा
बोधिसत्व कस्तूरिया२०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा
आज चिन्तन का विषय यह है कि क्या हम एलोपैथिक दवाईयों के गुलाम बन चुके हैं?आयुर्वेदिक,होम्योपैथिक और प्राक्रतिक चिकित्सा को छोड "तुरत दान महा कल्याण" के चक्कर मे बिभिन्न कैमीकल्स का गोदाम बनते जा रहे हैं! पारवारिक विघटन के कारण लोगों दादा _दादी के नुस्खे का लोगो को पता ही नही है!
आज यदि किसी को थोडा सा कब्ज़ हो जाता है तो वो चोकर,मिस्सी की रोटी या भुने चने की जगह कैस्टोफ़िन या कोई पेर्गटिव ले आते हैं! द्स्त होने पर ऎसब्गोल की भुसी और दही,मूग की दाल की खिचडी ,दही केला लेने के बजाय् तुरन्त मेट्रोज़ेल,ज़ैन्फ़्लोक्स आदि लेने दौड जाते है!ज़ुकाम मे तुलसी,अदरक,काली मिर्च का काढा पीने के बज़ायसीधे कोल्डारिन,विक्स ऐक्शन५००ले लेते है,बिना यह जाने कि् विदेशों मे प्रतिबंधित पैरासीटामौल की मात्रा कितनी है? क्या लम्बे समय तक इस्का सेवन हमारी किड्नी ,लीवर आदि को नुकसान तो नही पहंचा रही है?इन सभी का सीधा कारण है कि हम रेडी टु फ़ास्ट फ़ूड की तरह बिना साईड एफ़ैक्ट जाने "रेडी टु फ़ास्ट रिलीफ़ मैडीसन" लेने के अभ्य्स्त हो चुके हैं!नतीज़्तन हम लीवर,किड्नी की पथरी,कैंसर,टूयूमर जैसी से बीमारियों से भारी संख्या मे पीडित हो रहे है! हाईबीपी,शुगर,और ह्रदय रोग से पीडित हर घर मे मौज़ूद है! परन्तु हम अपने जीवन की शैली मे जो परिवर्तन कर चुके है उसमे कोई समझौता नही करना चाहते है! बच्चे देर रात तक कम्प्यूटर,टीवी देखते है,सुबह देर ८-९ बज़े तक सोते है ,पौष्टिक नाश्ता दलिया,पोहे आदि की बज़ाय चाऊमीन,मैक्रौनी खाते है! यदि इस दिन्चर्या मे सुधार कर ले और योग तथा पाक्रतिक चिकित्सा को अपना ले तो इस बीमारियों से स्व्तः मुक्ति प्राप्त हो जायेगी!महिलाये घर के काम- काज़ को छोड घंटो टीवी सीरियल देखती है और काम करती हैकाम वाली बाई तो स्वास्थ उन्का अच्छा होगा या माल्किन का ?वो तो हाईपर- टैन्शन,मोटापा,थाईराईड से ग्रस्त हो रही है!खेद का विषय यही है कि इन बीमारियों से बच्चे भी ग्रसित हो रहे है!
यदि निम्न बातों को जीवन शैली का अंग बना ले तो बीमारिया स्वतः दूर रहेगी:-
१. घर मे नौकरानियो से मुक्त रखे,अर्थात अपना घरेलू कार्य स्वयं तथा बच्चो के सहयोग से करें!
२.थोडी दूरी के लिये पैदल चले ,वाहन प्रयोग कम करें!
३.योग और प्राक्रतिक चिकित्सा को अपनी दिन चर्या का अभिन्न अंग बनाये!
४.दिन भर मे १० लीटर तक पानी पिये और ३ कि०मी० तक पैदल चले!
५ एलोपेथिक केवल जटिल बीमारियो और चोट आदि मे ही प्रयोग करे!