तहरीक-ए-तालिबान के अहसानुल्ला खाँ ने "दी डान " अखबार मे एक भडकाऊ ब्यान ज़ारी कि्या है कि यदि कश्मीर मे मुस्लिमों के विरुद्ध भारत द्वारा प्रायोजित आतंक्वाद खत्म नही होता है तो वे कश्मीरी मुस्लिमों की हत्या के लिये सरकार समर्थित हिन्दू आतंक वादी कैम्पों (जिनकी पुष्टि भारत के गॄह मंत्री ने की है) पर हमला करेगे !"चिन्तन का विषय यह है कि यदि भा०ज०पा०और आर०एस०एस० आतंक वाद को प्रश्रय दे रहे है ,तो भारत सरकार इन्हे प्रतिब्न्धित क्यों नही कर रही या फ़िर उन्के खिलाफ़ आज तक कार्य्वाही क्यॊ नही की ? श्री सुशील कुमार शिन्दे के ब्यान से जहाँ सीमा-पार के आतंकवादियों को बल मि्ला है वही भारत के भीतर बैठे घुस्पैठियों को भी शै मिल गई कि मन्मौन जी की अछम सरकार भारत के कोने कोने से आतंक्वाद को समूल नष्ट करने की बात को करती है, परन्तु संसद के भीतर आतंक्वदियों की घुस पैठ ज़ारी है !उन्के इस वक्तव्य से किसका भला हुआ ,इसका फ़ैसला आपको करना है कि क्य एक इतने गैर ज़िम्मेवार व्यक्ति का गॄह मंत्री के पद पर रहना भारत के हित मे है या अहित मे?साथ ही काँग्रेस के दिग्गज़ नेता प्रधान मत्री को उन्हे हटाने की सलाह देने के बजाय उनके समर्थन मे आ गये है!मै तो केवल इतना ही कह सकता हूँ कि
"गॄह मंत्री जी की बुद्धि की बलिहारी ,
जो कही पडे न उन पर ही भारी !"
बोधिसत्व कस्तूरिया एड्वोकेट २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दर आगरा २८२००७

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