शुक्रवार, 25 जनवरी 2013

"गॄह मंत्री जी की बुद्धि की बलिहारी , जो कही पडे न उन पर ही भारी !"


तहरीक-ए-तालिबान के अहसानुल्ला खाँ ने "दी डान " अखबार मे एक भडकाऊ ब्यान ज़ारी कि्या है कि यदि कश्मीर मे मुस्लिमों के विरुद्ध भारत द्वारा प्रायोजित आतंक्वाद खत्म नही होता है तो वे कश्मीरी मुस्लिमों की हत्या के लिये सरकार समर्थित हिन्दू आतंक वादी कैम्पों (जिनकी पुष्टि भारत के गॄह मंत्री ने की है) पर हमला करेगे !"चिन्तन का विषय यह है कि यदि भा०ज०पा०और आर०एस०एस० आतंक वाद को प्रश्रय दे रहे है ,तो भारत सरकार इन्हे प्रतिब्न्धित क्यों नही कर रही या फ़िर उन्के खिलाफ़ आज तक कार्य्वाही क्यॊ नही की ? श्री सुशील कुमार शिन्दे के ब्यान से जहाँ सीमा-पार के आतंकवादियों को बल मि्ला है वही भारत के भीतर बैठे घुस्पैठियों को भी शै मिल गई कि मन्मौन जी की अछम सरकार भारत के कोने कोने से आतंक्वाद को समूल नष्ट करने की बात को करती है, परन्तु संसद के भीतर आतंक्वदियों की घुस पैठ ज़ारी है !उन्के इस वक्तव्य से किसका भला हुआ ,इसका फ़ैसला आपको करना है कि क्य एक इतने गैर ज़िम्मेवार व्यक्ति का गॄह मंत्री के पद पर रहना भारत के हित मे है या अहित मे?साथ ही काँग्रेस के दिग्गज़ नेता प्रधान मत्री को उन्हे हटाने की सलाह देने के बजाय उनके समर्थन मे आ गये है!मै तो केवल इतना  ही कह सकता हूँ कि
"गॄह मंत्री जी की बुद्धि की बलिहारी ,
जो कही पडे न उन पर ही भारी !"
बोधिसत्व कस्तूरिया एड्वोकेट २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दर आगरा २८२००७

रविवार, 13 जनवरी 2013

कब तक भारत मे घुस कर क्रिकेटर और सैनिक भारतीयॊ को पीटते रहेंगे


२६/११ का मास्टर माइन्ड हफ़ीज़ सईद को जिस तरह से पाकिस्तान सरकार की शै मिली हुई है कि वो बार्डर पर आकर पाकिस्तानी सैनिकों के बीच भडकाऊ भाषण देता है और दो दिन बाद १० घुस पैठिये कुहरे की आड मे पुन्छ सैक्टर से सरहद पार कर आते है और भारतीय सैनिकों को न केवल मार डालते है ,बल्कि उन मे से एक शहीद हेम राज का सर काट कर ले जाते है!मथुरा जनपद मे उसके शव की अन्त्येष्टि अर्ध रात्रि मे ही सरकारी दबाब मे बिन किसी बडे अधिकारी / मत्री के कर दी जाती है कि कही जनता ,बिना सिर के शहीद को देख भडक न जाये ! बदले मे भारत सरकार पाकिस्तानी उच्चायुक्त को बुला कर कडा विरोध प्रदर्शित करती है और वो तुरन्त मीडिया को बुला कर पाकिस्तान की इस हरकत की पैरवी करते हुये कहते है कि किसी अन्तराष्ट्रीय एजेन्सी से इस्की तफ़्तीश करवा ली जाये ! ताकि यह एक अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दा बन कर संयुक्त राष्ट्र संघ तक चला जाय! दूसरे ही दिन पाकिस्तान सरकार भारतीय उच्चायुक्त को बुला कर यह कहती है कि "भारतीय जवानो ने पुन्छ सैक्टर मे गोली बारी की और उनका एक जवान शहीद हो गया है"  इस घटना की अन्तराषट्रीय समुदाय ने तीव्र भर्त्सना की और हेम्राज के परिवारी जन आज भी उस सिर के लिये भूख हडताल पर बैठे  हुये है ,परन्तु भारत सरकार ने विपछ की माँग कि " भारतीय राजदूत को कठोर कदम उठाते हुये  तुरन्त बुला लीजिये"सिरे से नकार दिया ! आखिर पाकिस्तान कब तक भारत मे घुस कर क्रिकेटर और सैनिक भारतीयॊ को पीटते रहेंगे और हम गाँधीवादी बने अगले आक्र्मण का इन्तज़ार करेगे और कारगिल की तरह हज़ारो हैक्टेयर भूमि छोडते रहेंगे ?
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७