शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

गुजरात का चुनाव


नरेन्द्र मोदी ने गुजरात का चुनाव तीसरी बार जीत कर यह सिद्द कर दिया कि भारतीय जनता पार्टी को साम्प्रादायिक कहने वाली स्व्यंभू धर्म निरपेक्छ दल जन् मानस मे अपनी क्या सख रखते है? काँग्रेस, सपा, बसपा या साम्य वादी दल भाजपा का आँलिगन इस लिये नही करते क्योंकि वह एक हिन्दू वादी संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का प्रतिनिधित्व करती है !आर०एस०एस० का कार्य कर्ता,मुख्य प्रचारक जिसने चाय की एक- एक प्याली के लिये दौड लगाई थी, आज प्रधान मंत्री पद की दौड मे पँहुच गया है,तो उसे समर्थन केवल हिन्दूओं का नही ,अपितु हिन्दुस्तानी सम्पूर्ण जन मानस का समर्थन प्राप्त है! केवल नरेन्द्र मोदी ही ऐसा व्यक्तित्व है, जो मुस्लिम अल्प संख्यकों के बीच भी कमल खिला सकता है ! गुजरात् विधान सभा की डेढदर्जन सीटे मुस्लिम बाहुल्य (जहाँ१५-२०%) छेत्र मे भी भाजपा ,काँग्रेस और गुजरात नव निर्माण पार्टी से आगे रही है ! काँग्रेस के दिग्गज मुस्लिम नेता अहमद पटेल के गॄह्जनपद भ्रूच की पाँचों सीटें भाजपा ने जीती है ! अहमदाबाद व आसपास के २१ मेसे १७ सूरत की १६ मे से १५,और वडोदरा की १३ मे से ११ सीटों पर भाजपा को भारी सफ़लता मिली है और कच्छ की ३ सीटें भी उसी के पाले मे रहीं! जिन सीटों पर जहाँ मुस्लिम मतदाताओं की नि्र्णायक भूमिका होती है जैसे ज़माल पुर, लिम्बायत, दरियापुर या अब्डासा, वह भी भाजपा के खाते मे रही ! अतः अब किसी दल को यह प्रमाण-पत्र देने की आवशयकता नही रह गई भाजपा धर्म निर्पेक्छ दल है अथवा नही ! भाजपा भारतीय जनता की पार्टी है अथवा किसी वर्ग विशेष का प्रतिनिधित्व करती है ? दूसरी तरफ़ धर्म निर्पेक्छ का मुखौटा लगाकर राहुल गाँधी, और पटेल समुदाय के रहनुमा बनकर केशूभाई पटेल भी कोई करिश्मा नही कर सके ! अतः परिवार वाद ,जातिवाद के आधार पर एसी कमरों ,होटलों मे बैठ कर राजनीति का भविष्य तै नही होगा, उसके लिये एक चाय पिलाने  वाले की तरह दौड् लगानी होगी  विकास का मुद्दा हर धर्म और वर्ग को स्वतः ही जोड लेता है ! आज विकास की दर भारत से ज्यादा गुजरात की है तो उसे पचाने के लिये अन्य दलों को उदार वादी दॄष्टिकोण जनहित मे अपनाना होगा !
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७

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