मंगलवार, 5 अप्रैल 2011

जब जागो तभी सवेरा

आज अन्ना हज़ारे जी ने जो भ्रष्टाचार के विरोध मे राज घाट पर आमरण अनशन शुरू किया है ,उसके लिये इस वयोव्रद्ध काँग्रेसी नेता को कोटिशः प्रणाम ! आज उनकी ही पार्टी टूजीस्पैक्ट्र्म ,कामन वैल्थ् गेम्स घोटाले,महाराष्ट्र सरकार का सोसायटी घोटाला आदि मे लिप्त है, क्योकि सश्क्त लोक तंत्र की दुहाई देने वाली काँग्रेस ,लोक्पाल विधेयक १९६८ ,जिसमे प्रधान-मंत्री को भी शामिल करने बात पर आज तक न सहमत हो पाई,न बिल पास हो सका !जिसकी यह परिणति है सारा देश ,हर विभाग ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार के समुद्र मे टापू की तरह खडा हुआ है! यदि इसके उन्मूलन के लिये पहल करने लायक नही थे,तो कोई बात नही अब अन्ना के अनुयायी तो बन सकते है !"जब जागो तभी सवेरा" के आधार पर यह शपथ ले कि किसी को भी न रिशवत देगे नही लेंगे! केवल समर्थन के लिये भीड मे चलने की प्रव्रत्ति से हट्कर बडे शेर को न मार सकें कम से कम छोटी चींटी तो नही पनपने दें! क्रेवल एस एम एस करना कर्तव्य की इतिश्री नही है,यह तो उसका युद्ध का शंख नाद है! "जागो ग्राहक जागो और जगाओ भ्रष्र्टाचार को देश से दूर भगाओ !"


बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन् सिकन्दरा आगरा २९२००७

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