सोमवार, 18 अक्टूबर 2010

आज कामन वैल्थ पर केन्द्र सरकार ने भ्रष्टाचार की जांच हेतु आयोग गठित कर दिया ! चिन्तन का विषय यह नही है कि कहां और किसने घपला किया ,अपितु ६३० करोड का कामन वैल्थ ७००० करोड क्यों और कैसे हुआ? इसका आर्थिक बोझ गरीब जनता पर पडेगा ,परन्तु उन लोगो का क्या कोई कुछ बिगाड सकता है जिनकी लापरवाही और अर्कण्यमता के कारण यह देरी हुई और राष्ट्रीय कोष को इतनी अतुलनीय छति हुई ! यदि सभी परियोजनाओ पर समयबद्ध कार्य होता तो इतनी धन-राशि जनहित के कार्यो पर खर्च की जा सकती थी! भारतीय स्वयं को राष्ट्र्भक्त सिद्ध करने के लिये रैली, प्रदर्शन सब कर सकते हैं, परन्तु ऐसे धनोपार्जन के मौके हाथ से कभी नही जाने देते ,ताकि वे रातो- रात लखपति-करोड पति बन जायं ! करोड पति बनने का मूल मन्त्र है कि कोई कार्य समय से नही करो ,यदि समय से कओगे तो चढोत कौन चढायेगा ? कमाने की यह प्रक्रिया इतनी सरल है कि फ़ाईल को दबा कर रखो,और तब तक दबाये रखो जब तक उस पर वज़न न रख दिया जावे !

किसी ने इन्ही लोगो के लिये कहा है :-

"बिन मांगे मोती मिले, माँगे मिले न भीख "

कोर्ट-कचहरी,सार्वजनिक निर्माण विभाग,सेल्स-टैक्स,इनकम-टैक्स,समाज कल्याण विभाग के अलावा सभी विभागो के स्थानान्तरण,प्रमोशन इस मूल-मंत्र पर सफ़लतापूर्वक चल रहे है,और भारत सरकार के राजकीय कोष से अधिक अपने कोष मे धनार्जन कर रहे है ! जय हो विलम्बता माई की !

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