मंगलवार, 12 फ़रवरी 2013
तुष्टीकरन
आज हमारे बीच अजीब सी बेबसी छाई हुई है कि यासीन मलिक ने हाफ़िज़ सईद के साथ पाकिस्तान मे एक मंच साझा किया कि अफ़्ज़ल गुरू को फ़ाँसी देने मे भारत सरकार ने कोताही की है कि उसके परिवार को आखिरी समय पर उसे मिलने नही दिय गया !सरकार ने इस पर कडा रुख करते हुये उसका पास्पोर्ट जो २८ तारीख को ख्त्म हो रहा है ,उसकी अवधि बढाने से इन्कार कर दिया ! परन्तु दूसरी ओर अलीगढ मुस्लिम यूनीवर्सिटी मे कश्मीरी छात्रो ने हाथ मे तख्ती लेकर पर्द्शन किया "एक अफ़्ज़ल मार दिया तो १०० अफ़ज़ल पैदा होंगे" पर कोई कार्य्वाही नही की ! चिन्तन का विषय है कि तुष्टीकरन की राज्नीति कही भारत के दूसरे विभाजन का बीज़ तो नही बो रही है?
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