कैंसर दिवस पर चिन्तन का विषय यह है कि इस बीमारी की भयावह्ता केवल एक दिन सरकार को क्यों दिखती है? सरकार तम्बाकू और सिग्रेट से प्राप्त होनी वाली एक्साइज़ की आय से अपने को कब रोक सकेगी ? गाँधी के सपनो का भारत तो नशामुक्त होना था,फ़िर उन्ही की अनुयायी केन्द्र की कांग्रेस शासित सरकार कोई ठोस कदम उनके सपने को पूरा करने का क्यों नही उठाती है? क्या सरकार के पास कोई और साधन या कर उप्लब्ध नही है जो इसकी भरपाई कर सके?जैसे भारत की स्वतंत्रता के ६५ वर्षो के बाद सभी पार्टियों को पता चला कि भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खा चुका है या घुन की तरह चाट रहा है,तब आधे -अधूरे मन से प्रयास शुरू किये जा रहे है?आज यही स्थिति कैसर रोग की भी हो चुकी है, तम्बाकू और सिग्रेट आज का युवक फ़ैशन परस्ती या स्टेटस सिम्बल की पर्याय मानने लगी है! अत: इस पर पूर्ण प्रतिबन्ध आवश्यकीय हो गया है!
बोधिसत्व कस्तूरिया
एड्वोकेट
२०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७
शनिवार, 4 फ़रवरी 2012
शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2012
औसत आय
नये सरकारी आँकडों के मुताबिक एक भारतीय की औसत आय वर्ष २०१०-११ मे ४६,११७ रु० सालाना से बढकर ५३,३३१ रु० हो गई जो कि लगभग १२% प्रतिशत बढ गई ! चिन्तन का विषय गरीब के साथ मधय्म वर्गीय परिवार मँहगाई के मारे रो रहा है, विदर्भ मे किसान आत्म-हत्या कर रह है ,तो फ़िर इस १२ % से लाभान्वित कौन हुआ? यह सर्व विदित सत्य है कि पिछ्ले ५ वर्षो मे अमीर और अमीर ,गरीब और गरीब हुआ है ! बाबा राम देव ४०००० करोड डालर की विदेशी सम्पत्ति को वापिस लाने की बात करते है लेकिन अपनी सम्पत्ति मे ५ गुना व्रद्धि के लिये तनिक भी चिन्तित नही दिखाई देते है ! देश मे सर्वाधिक विकास यदि किसी तबके का हुआ है तो वह हैं राज नेता,बडे व्यापारी,और धार्मिक मठाधीश !
सभी राज नेताओ ने ५ राज्यॊ के चुनाव के पहले अपनी सम्पत्ति घोषित की जो ५ वर्ष पहले घोषित सम्पत्ति २० से ५० गुना बढ गई ! उ०प्र० की मुख्य मंन्त्री सुश्री मायावतीजी हो, ए०राजा हों या करुणाकर की पुत्री कन्नीमोझी !
छोटे व्यापारी जो अपनी पूंजी या बैंक से ब्याज पर लेकर व्यापार करते है उन्की तो किश्ते भी बडी मुश्किल से चुक पा रही है,पर पौन्टी चड्ढा जो कि १०० करोड नम्बर २ से कमाकर अपने शौपिंग माल की बेसमैंट की तिजोरियॊं मे छुपाकर रखते है या फ़िर अम्बानी,टाटा ,बिरला आदि जो आई०पी०ओ० के द्वारा जनता के पैसे पर अपनी सम्पत्ति को ५००-१०००गुना बढा चुके है और वो ही लोग भारतीय की आमदनी का औसत बढाने की ज़िम्मेदारी सँभाले हुये है ! फ़िर सरकार इन आँकडों को चुनाव के समय बताकर नेक नामी क्यों लूटना चाहती है, जब्कि उसने ऐसा कुछ नही किया जिसका श्रेय सत्ताधारी दल को मिल सके !
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीराव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७
सभी राज नेताओ ने ५ राज्यॊ के चुनाव के पहले अपनी सम्पत्ति घोषित की जो ५ वर्ष पहले घोषित सम्पत्ति २० से ५० गुना बढ गई ! उ०प्र० की मुख्य मंन्त्री सुश्री मायावतीजी हो, ए०राजा हों या करुणाकर की पुत्री कन्नीमोझी !
छोटे व्यापारी जो अपनी पूंजी या बैंक से ब्याज पर लेकर व्यापार करते है उन्की तो किश्ते भी बडी मुश्किल से चुक पा रही है,पर पौन्टी चड्ढा जो कि १०० करोड नम्बर २ से कमाकर अपने शौपिंग माल की बेसमैंट की तिजोरियॊं मे छुपाकर रखते है या फ़िर अम्बानी,टाटा ,बिरला आदि जो आई०पी०ओ० के द्वारा जनता के पैसे पर अपनी सम्पत्ति को ५००-१०००गुना बढा चुके है और वो ही लोग भारतीय की आमदनी का औसत बढाने की ज़िम्मेदारी सँभाले हुये है ! फ़िर सरकार इन आँकडों को चुनाव के समय बताकर नेक नामी क्यों लूटना चाहती है, जब्कि उसने ऐसा कुछ नही किया जिसका श्रेय सत्ताधारी दल को मिल सके !
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीराव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७
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